1 जुलाई से चार धाम की यात्रा कर सकेंगे बाहरी श्रद्धालु, जानें-देव-दर्शन के क्या हैं नए नियम
चार धाम की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए इंतज़ार की घड़ी समाप्त हो गई है। उनके लिए अच्छी खबर यह है कि 1 जुलाई से चार धाम की यात्रा बाहरी श्रद्धालुओं के लिए शुरू होगी। इस बात की जानकारी उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दी है। उन्होंने कहा कि स्थानीय निवासियों के लिए चार धाम यात्रा 8 जून से शुरू हुई है। जबकि 30 जून तक अन्य राज्य के श्रद्धालुओं के लिए यह सेवा बंद है। हालांकि, प्राथमिक चरण में एक साथ बहुत कम लोगों को यात्रा करने की अनुमति दी गई है। साथ ही कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सभी आवश्यक सावधानियां बरती जा रही है।
चार धाम यात्रा को लेकर आधिकारिक वार्ता की गई। इस वार्ता में जिलाधिकारी, वरिष्ठ सलाहकार और स्थानीय पंडित उपस्थित थे। इस मौके पर यह निर्णय लिया गया कि प्राथमिक चरण में केवल चार धाम स्थित निकट के जिलों के श्रद्धालुओं को चार धाम की यात्रा की अनुमति होगी। साथ ही उन लोगों को भी यात्रा की अनुमति होगी, जो चार धाम में अपनी दुकान, होटल्स चलाते हैं और कारोबार करते हैं, सरकारी कर्मचारी जो इन जिलों में काम करते हैं।
चार धाम के लिए टोकन की व्यवस्था की गई है
श्रद्धालुओं को यात्रा के लिए मंदिर के काउंटर से टोकन लेना होगा, जो कि निशुल्क है। उस टोकन में दर्शन का समय अंकित होगा। मंदिर में प्रवेश से पहले टोकन की जांच होगी। नए नियम के तहत मास्क पहनना अनिवार्य है। शारीरिक दूरी का भी पालन करना होगा। एक श्रद्धालु को एक यात्रा में केवल तीन टोकन दिए जाएंगे।
केदारनाथ मंदिर में एक घंटे में केवल 80 श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति दी गई है। जबकि बद्रीनाथ में इसकी संख्या 120 है। केदारनाथ में देव-दर्शन के लिए एक मिनट का समय दिया है और बद्रीनाथ में देव-दर्शन का समय केवल 30 सेकेंड है।
Sources: Jagran