Uttarakhand: ओल्ड लिपुपास से कैलाश पर्वत के दर्शन को केंद्र की मंजूरी, 15 सितंबर से श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन

Uttarakhand: ओल्ड लिपुपास से कैलाश पर्वत के दर्शन को केंद्र की मंजूरी, 15 सितंबर से श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन
भगवान शिव के भक्तों के लिए एक बड़ी खबर है क्योंकि अब उनके लिए कलश पर्वत की यात्रा करना बेहद आसान हो गया है। अब शिव भक्त भारत की धरती से ही पवित्र और पावन कैलाश पर्वत के दर्शन कर सकेंगे। भारत सरकार की तरफ से मंजूरी मिलने के बाद, शासन ने 15 सितंबर से शिव भक्तों के लिए पुराना लिपु दर्रा खोलने का फैसला किया है। पिथौरागढ़ जिले की व्यास घाटी में स्थित पुराना लिपु दर्रा करीब 18,300 फीट की ऊंचाई पर है। लिपुलेख के खुलने से भक्त वहां पहुंचकर उसके सम्मुख स्थित कैलाश पर्वत के दर्शन कर सकेंगे। आपको बता दें कि कोरोना के समय तक केंद्र सरकार कुमाऊं मंडल विकास निगम के जरिए कैलाश मानसरोवर यात्रा का आयोजन करती थी। तब मानसरोवर के दर्शन करने के लिए, श्रद्धालुओं को चीन बॉर्डर को पार करने के लिए लिपुपास से पैदल चलना होता था। कोरोना के चरण से यहाँ पर यात्रा की मनाही है। दूसरी तरफ, भारत-चीन विवाद के चलते चीन सरकार ने अभी तक भारत सरकार को कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए अपनी सहमति नहीं दी है। कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने के लिए, श्रद्धालुओं को लम्बी प्रतीक्षा करनी पड़ रही है। इसी कारण से केंद्र सर्कार ने भारतीय भूमी से ही कैलाश पर्वत के दर्शन करने की अनुमति देने का निर्णय लिया है।

15 सितंबर से श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन

अधिकारियों के अनुसार, भक्त यह दर्शन ओल्ड लिपुपास से करेंगे। धारचूला से होते हुए ओल्ड लिपुपास पहुंचने पर, भक्त लगभग डेढ़ किलोमीटर की पैदल चढ़ाई करते हैं और उस स्थान पर पहुंचते हैं जहां से उन्हें सामने स्थित पवित्र कैलाश पर्वत के दर्शन होते हैं। यहां तक की, यहां से भक्त हिमालय की चोटियों क्रमश: नंदा देवी, नन्दा कोट और पंचाचूली के भी दर्शन कर सकते हैं। भक्तों को मूल सुविधाएं प्रदान करने का जिम्मा कुमाऊं मंडल विकास निगम को दी गयी है। निगम ने ही अपन ओर से तैयारियाँ प्रारब्ध कर दी है। ओल्ड लिपुपास 15 सितम्बर से खुल जाएंगे। इसलिए, कुमाऊं मंडल विकास निगम अधिकारियों को यहाँ आने वाले भक्तों के लिए जरुरी व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए हैं, ताकि यहां आने वाले भक्तों को किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े। यहां पर दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं को किस भी प्रकार की वीजा की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
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