चारधाम यात्रा कब करें और कैसे करें?

चारधाम यात्रा कब करें और कैसे करें?
चारधाम यात्रा हिंदू धर्म में सबसे प्रतिष्ठित और महत्वपूर्ण तीर्थ यात्राओं में से एक मानी जाती है, जिसमें भारत के लुभावने राज्य उत्तराखंड में स्थित चार पवित्र मंदिरों की यात्रा शामिल है। हर साल श्रद्धालू इस पवित्र यात्रा का इंतज़ार करते हैं।चार पवित्र स्थल यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ हैं। इसे हम छोटी चारधाम यात्रा के नाम से भी जानते हैं। प्रत्येक तीर्थस्थल अत्यधिक आध्यात्मिक महत्व रखता है, और धर्मनिष्ठ हिंदुओं का मानना है कि इस पवित्र यात्रा को करने से उनकी आत्मा शुद्ध हो सकती है और मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है। ये यात्रा धार्मिक भव्यता और आध्यात्मिक साधना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। नीचे दिए गए हैं, चार धाम यात्रा कब करें और कैसे करें के बारे में एक सामान्य गाइडलाइन:

1. यात्रा का समय:

चार धाम यात्रा आम तौर पर अप्रैल/मई से शुरू होती है और अक्टूबर/नवंबर तक चलती है। यात्रा की विशेष तिथियाँ हर साल बदलती हैं और ये स्थानीय अधिकारियों द्वारा तय की जाती हैं। आपको यात्रा की अनुसूची के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट या स्थानीय अधिकारियों से जुड़े रहने की आवश्यकता है।

2. मौसम की स्थिति:

चार धाम यात्रा करने के लिए सबसे अच्छा समय जून/जुलाई और सितम्बर/अक्टूबर होता है। चार धाम यात्रा करने के लिए सर्दी के महीने (नवंबर से फरवरी) और मानसून (जुलाई से अगस्त) के महीने में बचने की जरूरत है। मानसून के समय यहां भारी बारिश होती है जिससे भूस्खलन और सड़क बंद हो सकती हैं। सर्दी के महीने में भी धरती पर बर्फ का जमाव रहता है, जो यात्रा को कठिन बना सकता है। इसलिए, यात्रा को समर्थन व अपदा से बचाने के लिए उपयुक्त मौसम में करने का प्रयास करें।

3. मार्ग और यात्रा की योजना:

परंपरागत चार धाम यात्रा पश्चिमी दिशा से शुरू होती है, जहां यामुनोत्री और गंगोत्री का दर्शन किया जाता है, और फिर पूर्वी दिशा से केदारनाथ और बद्रीनाथ का दर्शन किया जाता है। सामान्य रूप से अनुसरणीय मार्ग है:

सड़क मार्ग से चारधाम यात्रा:

सड़क मार्ग से चार धाम यात्रा करना एक रोमांचकारी और आनंददायक अनुभव होता है। हरिद्वार/दिल्ली/देहरादून चार धाम यात्रा का प्रारंभिक बिंदु है। आप ट्रेन, बस या फ्लाइट से हरिद्वार/दिल्ली/देहरादून पहुंच सकते हैं (निकटतम हवाई अड्डा देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है)। चार धाम यात्रा पर आगे बढ़ने के लिए हरिद्वार/दिल्ली से आप टैक्सी किराए पर ले सकते हैं, बस ले सकते हैं या किसी टूर ऑपरेटर के साथ यात्रा कर सकते हैं। मार्ग आमतौर पर निम्नलिखित अनुक्रम का अनुसरण करता है: हरिद्वार >> ऋषिकेश >> बड़कोट >> यमुनोत्री >> उत्तरकाशी >> गंगोत्री >> गुप्तकाशी >> केदारनाथ >> जोशीमठ >> बद्रीनाथ। चार धाम मंदिरों की सड़कें सुंदर हैं, लेकिन चुनौतीपूर्ण और संकीर्ण हो सकती हैं, खासकर कुछ हिस्सों के दौरान। दिन के उजाले में यात्रा करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि कई हिस्सों में तीव्र मोड़ हैं और रात में जोखिम भरा हो सकता है।

हेलीकाप्टर से चारधाम यात्रा:

अगर आप अधिक आरामदायक और समय बचाने वाला विकल्प पसंद करते हैं, तो आप हेलीकॉप्टर से चार धाम की यात्रा करना चुन सकते हैं। कई निजी कंपनियां और सरकारी एजेंसियां चार धाम यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं संचालित करती हैं। हेलीकॉप्टर सेवाएं देहरादून, फाटा (केदारनाथ के पास) और अन्य स्थानों से उपलब्ध हैं। वे संबंधित चार धाम तीर्थस्थलों के लिए सीधी या छोटी अवधि की उड़ानें प्रदान करते हैं।

हेलीकॉप्टरों कैसे बुक करे?

हेलीकॉप्टरों यात्रा हर उस श्रद्धालू के लिए है जो की सडक मार्ग से यात्रा नहीं करना चाहते हैं। हेलीकॉप्टरों से यात्रा करना आपके समय की बचत करता हैं और आपके अनुभव को भी आनंदमय बनाता हैं। चार धाम यात्रा एक उत्कृष्ट धार्मिक अनुभव है जो आपको आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दुनिया के अनोखे चार्म प्रकट करता है। यात्रा अविस्मरणीय दर्शनीय स्थलों के साथ आपके अंतर्मन को शांति और आनंद से भर देती है। इसे यात्रा के लिए बेहतरीन समय पर और सावधानी से करें, जिससे आपकी यात्रा आनंददायक, सुरक्षित सात्विक हो।
  • चारधाम यात्रा की शुरुआत देहरादून से होती है यानी सहस्त्रधारा हेलीपैड से सुबह 6:30 से होती हैं
  • यमनोत्री हेलीकॉप्टर सेवा : सहस्त्रधारा हेलीपैड से हर्सिल – खरसिल से यमनोत्री तक
  • केदारनाथ हेलिकोप्टर सेवा : हर्सिल से गुप्तकाशी – सिरसी से केदारनाथ
  • बद्रीनाथ हेलीकाप्टर सेवा : गुप्तकाशी से बद्रीनाथ
  • गंगोत्री हेलीकाप्टर सेवा : खरसाली से हर्सिल
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